पति ने संभाली रसोई, खाना बनाया, झाड़ू पोछा भी किया, कहानी 5 बार फेल होने वाली उस महिला IAS की

Success Story Of IAS Kajal Jwala: एक बहुत पुरानी और प्रसिद्ध कहावत है, “हर सफल आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है”! लेकिन ऐसे कई उदाहरण हैं जहां एक महिला ने एक पुरुष की मदद से सफलता के शिखर को छुआ है। काजल जावला की कहानी ऐसी है जिसे महिलाओं को प्रेरित करने के लिए बताया जाना चाहिए। काजल 4वीं बार में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा कर आईएएस अधिकारी बनी। काजल मूलरूप से उत्तरप्रदेश के शामली की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक परीक्षा वहीं से पूरी की। बाद में वह मथुरा के इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया।

इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद काजल की विप्रो कंपनी में नौकरी लगी, जिसका 23 लाख का पैकेज था। फिर उन्होंने एक दूसरी निजी कंपनी में भी नौकरी की। उन्होंने निजी क्षेत्र में करीब नौ साल तक नौकरी की है। काजल के पिता चाहते थे कि उनकी बेटी सिविल सेवक बनकर देश की सेवा करे। पिता के सपने को सच करने के लिए काजल ने 2012 से लेकर 2016 तक तीन बार एग्जाम दी, मगर तीनों ही बार प्रारम्भिक परीक्षा भी पास नहीं कर पाई। फिर 2016 में काजल की शादी आशीष मलिक से हो गई। काजल कहती हैं कि उनके पति आशीष मलिक काफी सर्पोटिव हैं। उस वक्त मैं जॉब के साथ-साथ पढ़ाई करती थीं। पति भी जॉब करते थे, मगर शाम को वो मुझसे पहले घर आते थे। जब में आफिस से आती तो मुझे खाना तैयार मिलता था। वहीं, सुबह -शाम मुझे पढ़ाई ही करनी होती थी।

आईएएस काजल जालवा के पति आशीष मलिक कहते हैं कि शादी के तुरंत बाद ही मैंने काजल को बोल दिया था कि तुम्हें सिर्फ जॉब और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना है, क्योंकि ये ही दोनों काम मैं नहीं कर सकता बाकि मैंने पूरी रसोई संभाल ली थी। घर में झाड़ू पोछा तक लगा लेता था। अपने पांचवें प्रयास में वर्ष 2018 में काजल आईएएस बन गईं। इससे पहले के सभी अटेम्पट्स में काजल प्री-परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं थीं। और साल 2018 में उन्होंने इतना अच्छा प्रदर्शन किया कि उनके साक्षात्कार के अंक उस साल टॉप करने वाले कैंडिडेट के अंकों से भी ज्यादा थे। काजल के इस सफर से हमें सीख मिलती है कि निरंतर और शतत प्रयास के आगे किसी भी प्रकार की समस्या नहीं टिक सकती।

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