IAS Tushar D Sumera: 10वीं में 35-36 नंबर पाकर पास हुए थे, फिर भी ऐसे बन गए डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर
IAS Tushar Sumera Success Story: आपने अक्सर सुना होगा कि किसी दूसरे को देख-सुनकर अपना स्टडी शेड्यूल नहीं बनाना चाहिए। हमें पढ़ाई उस समय और उतनी ही करनी चाहिए, जितने में चीजें दिमाग में स्टोर हो सकें। आईएएस तुषार डी सुमेरा की सक्सेस स्टोरी किसी को भी प्रभावित करने के लिए काफी है। पढ़ाई में कमजोर या परीक्षा में कम अंक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स को अक्सर लगता है कि वे सरकारी नौकरी के लिए होने वाली परीक्षा भी पास नहीं कर पाएंगे। दरअसल, उनमें कॉन्फिडेंस की काफी कमी हो जाती है। ये स्टूडेंट्स अगर आईएएस ऑफिसर तुषार डी सुमेरा का 10वीं परीक्षा का रिजल्ट देखेंगे तो बिल्कुल चौंक जाएंगे। लेकिन हो सकता है कि उतने ही प्रभावित भी हो जाएं।
तुषार ने अपने हाई स्कूल और इंटर परीक्षा में केवल उतने अंक ही हासिल कर पाए थे जितने में वह पास हो सकें। उस समय तक वे एक और स्टूडेंट थे। लेकिन अपनी मेहनत और लग्न से बाद में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा क्रैक की और अपने सपने को पूरा किया। छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने हाल ही में तुषार सुमेरा की मेहनत और सफलता का जिक्र करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर उनकी तस्वीर और उनकी दसवीं की मार्कशीट साझा की है। आईएएस अवनीश शरण ने बताया कि वर्ष 2012 बैच के आईएएस अफसर तुषार डी सुमेरा ने अपने हाईस्कूल की परीक्षा में महज पासिंग मार्क्स ही हासिल किए थे। मार्कशीट के अनुसार, उनके गणित विषय में 36, अंग्रेजी में 35 और विज्ञान में केवल 38 नंबर ही आए थे। उनका यह रिकार्ड इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि सफलता के लिए नंबर नहीं टैलेंट मायने रखता है।
आपको बता दें कि तुषार सुमेरा ने जैसे-तैसे दसवीं परीक्षा पास की और अपनी आगे की पढ़ाई भी जारी रखी। इसके बाद उन्होंने पढ़ाई पर देना शुरू किया और पहले कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद फिर बीए और बीएड डिग्री हासिल की। इसके बाद करिअर को गति देने के लिए उन्होंने बतौर सहायक शिक्षक की नौकरी शुरू की। सहायक शिक्षक के नौकरी करते-करते सुमेरा ने अपना एक लक्ष्य बना लिया और उसकी तैयारी में जी-जान से जुट गए। वह पढ़ाने- पढ़ाने के साथ-साथ ही खुद पढ़कर संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने लगे और साल 2012 में उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा न केवल पास की बल्कि अच्छी रैंक पाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी बनें।