Success Story: तीन बार IAS बनने से चूकीं, PCS में पहले प्रयास में DSP बनी निकिता श्रीवास्तव

UP PCS Success Story Nikita Shrivastava: लगातार प्रयास करते रहने से सफलता एक ना एक दिन मिलती ही है। यही सिखाती हैं यूपी के देवरिया की बेटी निकिता श्रीवास्तव। जो तीन बार IAS बनने से चूक गईं, मगर पीसीएस परीक्षा में पहले ही प्रयास में उन्होंने सफलता पाई और अब डिप्टी एसपी बनने जा रही हैं। इससे पहले उन्होंने यूपीएससी प्री परीक्षा निकाली थी, मगर मेंस में कुछ नहीं नंबरों से रह गई थीं। इस साल देवरिया जिले के सदर तहसील क्षेत्र के सोमनाथ कॉलोनी की रहने वाली निकिता श्रीवास्तव का भी चयन हुआ है। निकिता ने UPPSC PCS में 15वीं रैंक हासिल की है। उनका चयन डिप्टी एसपी के पद पर हुआ है। निकिता के पिता सत्यप्रकाश श्रीवास्तव राजकीय इंटर कॉलेज देवरिया में लेक्चर के पद कार्यरत हैं। उनकी मां गीता श्रीवास्तव गृहणी हैं।

निकिता श्रीवास्तव मूलरूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया के बरईपुर गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने देवरिया के इंटर कॉलेज से ही अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की है। निकिता ने अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवाओं में प्रयास करने का निर्णय लिया और इसके लिए प्रयागराज जाकर तैयारी शुरू कर दी। निकिता ने यूपीएससी का प्रयास किया और उन्होंने प्रीलिम्स की परीक्षा पास कर ली, हालांकि वह इसकी मेंस की परीक्षा में सफलता हासिल नहीं कर सकी। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी को जारी रखा। निकिता ने फिर से प्रयास किया, लेकिन वह इस बार भी सफलता हासिल करने में नाकामयाब रही।

निकिता श्रीवास्तव ने सिविल सेवाओं के साथ उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा की भी तैयारी की थी। इसके लिए उन्होंने सिविल सेवाओं के पाठ्यक्रम के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के लिए विशेष रूप से तैयारी की और अपना पहला प्रयास किया। इस परीक्षा में वह प्रीलिम्स के बाद मेंस पास करने में भी सफल रही। साथ ही उन्होंने इंटरव्यू में पहुंचकर फाइनल लिस्ट में भी जगह बनाई। बीते दिनों जब आयोग की ओर से परिणाम जारी किया गया, तो निकिता ने 15वीं रैंक हासिल करते हुए DSP का पद हासिल किया है। निकिता श्रीवास्तव ने कहा कि जो भी छात्र छात्राएं यूपीपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनको मैं यह कहना चाहूंगी कि वे पिछले साल के क्वेश्चन पेपर और सिलेबस को अच्छे से पढ़ लें। उन्होंने कहा कि जो भी रिसोर्स हैं, उसको फॉलो करें और कुछ भी नया करने की कोशिश न करें। जो कर रहे हैं, उसी को अच्छे से करें।

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