कौन हैं IPS अनुराग आर्य जिसने खत्म कर दी मुख्तार अंसारी की सल्तनत, कॉलेज में हुए फेल पर क्रैक कर डाला UPSC
IPS Anurag Arya Success Story: अक्सर हम सभी ने देखा है कि जैसा हम सोचते हैं, वैसा कई बार नहीं होता है। वहीं, कई बार हमारे द्वारा लिए गए फैसले हमारी पूरी जिंदगी बदल कर रख देते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही तेजतर्रार आईपीएस ऑफिसर के बारे में बताएंगे, जिहोंने अचानक अपनी M.Sc की पढ़ाई, छोड़कर UPSC की सिविल सेवा परीक्षा देने का निर्णय लिया। UPSC परीक्षा पास कर IPS बनने के बाद अनुराग आर्य पहली बार माफिया मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाकर चर्चा में आए थे। मुख्तार अंसारी की सल्तनत पर पहली कील आईपीएस अनुराग आर्य ने ही ठोंकी थी।
आज अनुराग आर्य का नाम प्रदेश के उन धुरंधर आईपीएस अधिकारियों में आता है। जिन्होंने अपने काम से बड़े-बड़े अपराधियों और बाहुबलियों के पसीने छुड़ा दिये। आइए आपको आईपीएस अनुराग के बारे में बताते हैं। आईपीएस अनुराग आर्य यूपी के बागपत जिले के छोटे से गांव छपरौली से हैं। वह अपनी मां डॉ. पूनम आर्य और पत्नी वनिका सिंह के साथ रहते हैं। वनिका सिंह पीसीएस अधिकारी हैं। जबकि मां होम्योपैथी डॉक्टर हैं। उनके पिता भी डॉक्टर हैं। लेकिन मां और पिता के बीच शादी के दो साल के भीतर ही मतभेद के चलते अलगाव हो गया था। जब अनुराग छह महीने के तभी उनकी मां अपने साथ लेकर अपने मायके छपरौली चली आई थीं।
अनुराग बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में काफी तेज थे। हालांकि, इसके बावजूद उन्हें इंग्लिश विषय से काफी डर लगता था। इसके अलावा बता दें कि अनुराग का सिविल सेवा में आने का उनका कोई मक्सद नहीं था। लेकिन पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान जब वे दो विषयों में फेल हो गए, तो इस चीज से उन्हें काफी डटका लगा था। इस झटके का बाद ही अनुराग ने अपने करियर की दिशा बदलनी चाही, जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। अनुराग आर्य साल 2013 में यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में बैठे। इसी दौरान उनका सेलेक्शन आरबीआई में मैनेजर पद पर हो गया। आरबीआई में नौकरी ज्वॉइन भी कर ली।
कानपुर में आठ महीने जॉब भी की। इसी प्रयास में वह आईपीएस बन गए। उनकी 163 रैंक थी। जिसके बाद बैंक की जॉब छोड़ दी। शुरुआत में अनुराग आर्य ढाई साल में चार जिलों के एसपी बने। वह 6 महीने अमेठी, 4 महीने बलरामपुर, 14 महीने मऊ और 5 महीने प्रतापगढ़ में एसपी रहे। आईपीएस अनुराग आर्य ने साल 2019 से 2020 तक मऊ में तैनाती के दौरान मुख्तार अंसारी के गैंग पर कड़ी कार्रवाई की। अवैध बूचड़खाने चलाने वाले मुख्तार अंसारी गैंग के 26 लोगों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की। साथ ही उसके शूटर अनुज कनौजिया का घर बुलडोजर से ढहा दिया। अनुराग आर्य ने 2020 में मुख्तार अंसारी पर मुकदमा दर्ज किया। 2013 के बाद पहली बार था जब मुख्तार पर कोई केस दर्ज हुआ। उन्होंने मुख्तार अंसारी की काली कमाई के स्रोतों पर प्रहार किया और उसके गुर्गों पर कड़ा एक्शन लिया।