माफिया अतीक के बेटे को ढेर करने के बाद ट्रेंड कर रहा ‘बिहारी ब्रेन’, तेज तर्रार IPS में होती है गिनती
Asad Ahmad Encounter: माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शार्प शूटर गुलाम का एनकाउंटर आज यूपी एसटीएफ द्वारा किया गया। इस एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध पर जीरो टालरेंस नीति एवं यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश और उनकी टीम की रणनीति की खूब चर्चा हो रही है। यूपी एसटीएफ प्रमुख बिहार में वीरों की माटी भोजपुर से जुड़े हैं। वे 1996 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। यूपी में अपराधी शासन के डर से थर-थर कांप रहे हैं। इसके पीछे की रणनीति बनाने वाला दिमाग एसटीएफ प्रमुख आइपीएस अमिताभ यश का ही है।
अमिताभ यश की गिनती तेज-तर्रार IPS में होती है। यूपी के कई जिलों अमितभा यश एसपी के तौर पर भी तैनात रहे हैं। मौके पर वो यूपी एसटीएफ प्रमुख हैं। अमिताभ यश का जन्म 11 अप्रैल 1971 को बिहार के भोजपुर जिले में हुआ था। वो 1996 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) हैं। हाल ही में वो 52 साल के हुए हैं। उन्हें 1 जनवरी, 2021 को पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) के पद पर प्रमोट किया गया था। अमिताभ की छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर हैं। उन्होंने बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों में अपने कई एनकांटर ऑपरेशन को अंजाम दिया है।
अमिताभ यश इससे पहले भी यूपी की एसटीएफ में काम कर चुके हैं। साल 2007 में यूपी में मायावती की सरकार थी। उस दौरान मई 2007 में तत्कालीन मायावती सरकार ने अमिताभ यश को एसटीएफ SSP बनाया गया था। उस दौरान यश ने ददुआ के नाम से दुर्दांत अपराधी शिव कुमार पटेल को पकड़ने के लिए अभियान चलाया था। यश महीनों की कड़ी मशक्कत के बाद ददुआ मामले में कामयाबी पाने में सफल रहे थे।अमिताभ यश को साल 2019 में कुंभ सेवा मेडल से नवाजा गया था। इसके अलावा उन्हें 2023 में उत्कृष्ट सेवा पदक दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, यश फिलहाल लखनऊ जिले में तैनात हैं, जहां से वह राज्य की एसटीएफ टीम की अगुवाई करते हैं। जानकारी के मुताबिक यश अभी तक के अपने करियर में 150 से ज्यादा बदमाशों को ढेर कर चुके हैं।