एग्जाम से पहले भाई की हुई मौत, आसान नहीं था अर्पित का IAS बनना

कहानी उस नौजवान शख्स की जिसकी उम्र इतनी नहीं जितना तजुर्बा उसे जिंदगी दे गई… जब आईएएस बनने से पहले जिंदगी ने लिया उसका सबसे कठिन इम्तिहान

कहानी उस नौजवान शख्स की जिसकी उम्र इतनी नहीं जितना तजुर्बा उसे जिंदगी दे गई… जब आईएएस बनने से पहले जिंदगी ने लिया उसका सबसे कठिन इम्तिहान… जिंदगी में जब भी कोई रुकावट आई पहले से मजबूत बनकर उभरा ये शख्स… जब भी हमें असफलता मिले तो ये हमारी किस्मत नहीं बल्कि हमारी तैयारी की कमी है… ये कहना है 24 साल के युवा IAS अर्पित गुप्ता का… अर्पित ने यूपीएससी की 2021 सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 54वां स्थान हासिल किया है… सिविल सेवा परीक्षा में ये उनका दूसरा प्रयास था… पहले अटेम्पट में वो परीक्षा तक पहुंचे लेकिन कटऑफ से केवल 1 नंबर कम होने की वजह से उन्हें लिस्ट से बाहर होना पड़ा था… अर्पित के लिए वो दौर बेहद कठिन था… लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इससे बाहर आकर एक बार फिर से तैयारी शुरू की अपने दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में 54वीं रैंक पाकर IAS ऑफिसर बन गए… दूसरे प्रयास की कहानी भी इतनी आसान नहीं थी

अर्पित को मेंस परीक्षा से पहले चिकन पॉक्स हो गया… लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और तपते हुए बुखार में भी मेंस का पेपर लिखा… उन्हें उम्मीद थी कि मेंस में वो जरूर सफल हो जाएंगे… लेकिन जब अर्पित ने अपना रिजल्ट देखा तो वो टूट गए… उस समय जनरल कैटेगरी की मेंस कट ऑफ 736 रही लेकिन उन्हें केवल 735 अंक ही प्राप्त हुए… अर्पित अपने पहले अटेम्पट में ही इंटरव्यू में भाग लेना चाहते थे… लेकिन उनका ये सपना पूरा नहीं हो सका… इस दौरान अर्पित बहुत रोए भी… सभी लोग कहने लगे थे कि किस्मत में नहीं था वरना क्लीयर हो जाती परीक्षा… लेकिन अर्पित जानते थे कि कहीं न कहीं उनकी तैयारी में कमी थी इसलिए उन्हें सफलता नहीं मिली

बता दें कि अपने दूसरे प्रयास के दौरान अर्पित ने अपने चचेरे भाई को खो दिया… उनकी मौत हो गई थी… कई दिनों तक तो अर्पित को कुछ समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है… फिर भी जैसे-तैसे अर्पित ने हिम्मत जुटाई और तैयारी में लग गए… उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा था कि अपने दूसरे अटेम्पट में 54वीं रैंक हासिल कर सफलता हासिल कर ली… उन्होंने ये सफलता 24 साल की बेहद कम उम्र में ही प्राप्त कर ली… उनका यूपीएससी का सफर हमे बताता है कि सफलता हमारी किस्मत नहीं बल्कि तैयारी पर निर्भर करती है

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