राजस्थान में इस IPS अधिकारी से कांपने लगे है अपराधी, खुद 7 साल जेल में रहे लेकिन नहीं टूटने दिया हौंसला

IPS Dinesh MN: राजस्थान में यूं तो कई आईपीएस अधिकारी है जो चर्चा में रहते है। इनमें कुछ अधिकारी अपने काम तो कुछ सरकार के एक्शन की वजह से हमेशा चर्चा में रहे। इसी कड़ी में 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन का भी नाम है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे आईपीएस ऑफिसर की स्टोरी बताने जा रहे हैं, जिसे सात साल जेल में रहना पड़ा। सात साल बाद 2017 में उसे सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। इस आईपीएस ऑफिसर से माफिया और डकैत से लेकर कई आईएएस अधिकारी तक खौफ खाते हैं। कलेक्टर तक को जेल भेज चुके है।
इस आईपीएस ऑफिसर का नाम है दिनेश एमएन, इनका जन्म 6 सितंबर 1971 को कर्नाटक के मुंगनहल्ली में हुआ। 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी की पहचान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में है। उनके सरनेम में गांव और पिता दोनों का नाम है। दिनेश एमएन का पूरा नाम – दिनेश, M से गांव का नाम मुनागनाहल्ली और N से पिता का नाम नारायण स्वामी है। पत्नी जयपुर के ही एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है।
उदयपुर के एसपी रहते समय ही गुजरात पुलिस के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन में हिस्ट्रीशीटर शोहराबुद्दीन शेख मारा गया था। इसमें फर्जी एनकाउंटर का आरोप भी लगा। इसी मामले में एसपी दिनेश एमएन को भी 7 साल की जेल हुई। 2014 में जेल से रिहा हुए। इसके तीन साल बाद वसुंधरा राजे सरकार के समय सर्विस बहाल हुई। जुलाई 2016 में SOG का आईजी बनाया गया। उनके नेतृत्व में ही चूरू के मालासर गांव में आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर हुआ। अशोक गहलोत सरकार बनने के बाद उनके एसीबी में आईजी की जिम्मेदारी दी गई. फरवरी 2020 में प्रमोट कर एसीबी का एडीजी बनाया और एक साल बाद फरवरी 2023 में एडीजी क्राइम की जिम्मेदारी दी गई।