छत नहीं तो प्लेटफॉर्म पर सोये; पैसे नहीं थे तो मजदूरी की पर नहीं छोड़ी पढ़ाई, क्रैक किया UPSC एग्जाम और बन गए IAS ऑफिसर
IAS Sivaguru Prabhakaran Success Story: हम सभी के बीच कई ऐसे लोग हैं जो जीवन में अभावों के कारण अपने सपनों को छोड़ देते हैं और जीवन भर अफसोस करना चुन लेते हैं। लेकिन हमारे बीच कई लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी मेहनत और दृढ़-संकल्प से जीवन के अभावों को भी चुनौती देकर आगे बढ़ते रहते हैं। उन्हीं लोगों में से एक हैं आईएएस एम. शिवागुरू प्रभाकरन। शिवागुरू का जीवन अभावों से भरा रहा लेकिन उनके जुनून के आगे सभी परेशानियों ने घुटने टेक दिए। आइए इस लेख के माध्यम से उनके यूपीएससी का सफर जान लेते हैं।
एम शिवगुरु प्रभाकरन की, जिनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता ने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए वह सब कुछ किया जो वे कर सकते थे। हालांकि, शिवगुरु के पिता की एक खराब आदत थी। वे काफी ज्यादा शराब पिया करते थे और यही कारण था कि घर का गुजर-बसर करने के लिए परिवार के हर सदस्य को खेतों में काम करना पड़ता था। शिवगुरु ने अपनी मां और बहन को दिन-रात काम करता देख अपनी पढ़ाई का त्याग करने का फैसला किया और मिल चलाने का काम करने लगे।
वो कहते हैं कि मैंने जो पैसे कमाए वो पैसे घर में दिए और अपनी पढ़ाई के लिए जोड़ कर रखा क्योंकि मैं किसी भी हालत में अपने सपनों को मरने नहीं देना चाहता था। शिवागुरू ने भाई को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद और बहन की शादी के बाद उन्होंने 2008 में अपनी पढ़ाई पूरी करने की कोशिश की। उन्होंने वेल्लोर में थानथाई पेरियार गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सिविल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। इसके साथ ही शिवागुरू ने चेन्नई आकर आईआईटी मद्रास एंट्रेंस एग्जाम पास करने का निर्णय लिया। लेकिन अपने सपने पूरे करने के लिए भी उन्होंने एक बड़ी रकम चुकाई।
जब वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे तब उनके पास रहने के लिए घर नहीं था जिसके कारण उन्हें प्लेटफॉर्म पर ही सोना पड़ता था। वे वीकेंड में प्लेटफॉर्म पर सोते और वीक डे पर कॉलेज में फीस भरने के लिए पार्ट- टाइम जॉब करते। प्रभाकरन का हार्ड वर्क और उनका दृढ़-संकल्प काम आया। 2014 में प्रभाकरन ने एमटेक में टॉप रैंक के साथ परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने अपने सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने के सपने को साकार करने का निश्चय किया। उन्होंने परीक्षा के लिए जी-जान से मेहनत की लेकिन अपने पहले तीन प्रयासों में असफल होते रहे। प्रभाकरन ने हार नहीं मानी और 2018 की यूपीएससी की परीक्षा में रैंक 101 प्राप्त कर आईएएस ऑफिसर बन गए।