Success Story: 6 बार फेल होने के बाद वेटर से IAS बने के. जयगणेश, 7वीं बार में पास कर ली UPSC परीक्षा
IAS K Jayaganesh Success Story: किसी भी काम में सफलता पाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है आत्मविश्वास। जब बात UPSC सिविल सर्विस जैसे कठिन परीक्षा की हो आत्मविश्वास के साथ-साथ संयम रखने की आवश्यकता होती है। अगर आप खुद पर विश्वास नहीं रखते हैं तो आप कभी सफलता हासिल नहीं कर पाएंगे। आईएएस ऑफिसर के जयगणेश की कहानी इन्हीं बातों का उदाहरण बनकर सामने आई हैं। जयगणेश अपने सपने को पूरा करने के लिए होटल में वेटर तक की नौकरी कर चुके हैं। IAS K Jayaganesh की सफलता की कहानी सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। आइए उनकी संघर्ष पर एक नजर डालते हैं।
के जयगणेश का जन्म तमिलनाडु के उत्तरीय अम्बर के पास स्थित एक छोटे से गांव के एक गरीब परिवार में हुआ। पिता एक फैक्ट्री में काम करके किसी तरह परिवार का गुजारा चलाते थे। उनके 4 बच्चे थे जिनमें जयगणेश सबसे बड़े थे। जयगणेश पढ़ने में शुरू से ही बहुत होशियार थे। उन्होंने बारहवीं की परीक्षा 91% अंकों के साथ पास की। इसके बाद उनका तांथी पेरियार इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में एडमिशन हो गया जहां उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद उनकी नौकरी एक कंपनी में लग गई जहां उन्हें हर महीने 2500 रुपये मिलने लगे।
जयगणेश का मन नौकरी में नहीं लगा। उन्हें ये बात समझ में आ चुकी थी कि इस नौकरी के सहारे वो अपना और परिवार का गुजारा नहीं चला पाएंगे। उनका गांव भी बहुत गरीब था। वो अपने गांव के लिए भी बहुत कुछ करना चाहते थे। इसके लिए अच्छा सरकारी ओहदा पाना जरूरी था। उनके मन में ये विचार आया कि क्यों न सिविल सर्विसेज की तैयारी की जाए। उन्होंने जोर-शोर से पढ़ाई शुरू कर दी और इसकी परीक्षा भी दी। लेकिन हर बार वो असफल ही रहे।
अपना खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा था।अपना खर्च चलाने के लिए उन्होंने एक छोटे से होटल में वेटर की नौकरी करनी शुरू कर दी। वो दिन के समय वेटर का काम करते थे और रात के समय पढ़ाई। इसी दौरान उन्होंने इंटेलीजेंस ब्यूरो की परीक्षा दी और उसमें सफल भी हो गए। उनके सामने एक विकट समस्या खड़ी हो गई थी। वो समझ नहीं पा रहे थे कि नौकरी ज्वॉइन करें या फिर 7वीं बार सिविल की परीक्षा दें। अंत में उन्होंने निर्णय लिया की वो नौकरी नहीं करेंगे बल्कि अपनी तैयारी आगे जारी रखेंगे। उन्होंने सातवीं बार सिविल की परीक्षा दी और इस बार ऐसा कुछ हुआ जिसपर यकीन करना हर किसी के लिए मुश्किल था। उन्होंने इस परीक्षा में 156वीं रैंक हासिल की थी।