16 साल की उम्र में खोई सुनने की शक्ति, पहले प्रयास में किया UPSC टॉप, जानें IAS सौम्या शर्मा का संघर्ष

IAS Saumya Sharma Success Story: बहुत से लोगों को अपने सपनों को छोड़ना पड़ता है क्योंकि उनके पास उन्हें पूरा करने का विशेषाधिकार नहीं होता है। लेकिन इस महिला ने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से उसके सपनों को साकार करने का काम किया। हम बात कर रहे हैं आईएएस ऑफिसर सौम्या शर्मा की। जो जीवन की इसी परीक्षा में न केवल पास हुई, बल्कि टाॅप किया। सौम्या शर्मा ने 16 साल की उम्र में बड़ा झटका लगा। उन्होंने कुछ ऐसा खो दिया जो हर किसी के जीवन का अहम हिस्सा होता है। लेकिन अपनी सौम्या ने कभी अपनी इस कमी को कमी बनाकर नहीं रखा और आगे बढ़ती रहीं।
पढ़ाई पूरी की और एक समय ऐसा आया कि उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने का निश्चय कर लिया। इस बीच कई कठिनाईयां आईं। सौम्या ने इन सभी कठिनाईयों का डटकर सामना किया और यूपीएससी परीक्षा 2017 में पहले ही प्रयास में नौंवी रैंक लाकर टाॅप किया है। IAS ऑफिसर सौम्या दिल्ली की रहने वाली हैं। उनका जीवन उन लोगों के लिए प्रेरणा है, मात्र 16 साल की उम्र में अचानक ही सौम्या की सुनने की शक्ति चली गई थी। उनके माता पिता डॉक्टरों के पास सौम्या के इलाज के लिए चक्कर लगाते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
डॉक्टरों के मुताबिक, सौम्या ने अपनी 90 से 95 फीसदी सुनने की क्षमता खो दी थी। इसके बाद उनकी ज़िंदगी पूरी तरह से बदल गई थी। हालांकि बाद में उन्होंने इस सदमे से उबरने की कोशिश की और फाइटर की तरह जीना शुरू कर दिया। अब वे हियरिंग एड की मदद से सुनती हैं। उनकी मार्कशीट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी। उन्होंने सभी पेपर में बेहतरीन अंक हासिल किए थे। सौम्या शर्मा ने अपने पहले ही अटेंप्ट में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी। उससे ज्यादा हैरानी वाली बात है कि इसके लिए उन्होंने मात्र 4 महीने तैयारी की थी। दरअसल उन्होंने लॉ के आखिरी साल में ही परीक्षा देने का निर्णय लिया था।
अभी वह महाराष्ट्र कैडर में तैनात हैं। सौम्या सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 2 लाख से ज्यादा, ट्विटर पर 18 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। सौम्या को विकलांग व्यक्ति की श्रेणी में शामिल किया गया था क्योंकि उसने अपनी सुनने की क्षमता खो दी थी लेकिन विकलांग कोटे के तहत यूपीएससी सिविल सेवा फॉर्म भरने से इनकार कर दिया और सामान्य श्रेणी का विकल्प चुना। यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए हर दिन 16 घंटे से अधिक का अध्ययन किया। यही कारण है कि उसने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की।