मां चलाती थीं पेट्रोल पंप, बेटी UPSC पास करके बन गई IAS अफसर, गुंडे ही नहीं नेता भी खाते हैं खौफ

IAS Swati Meena Success Story: देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं की बात करें, तो इसमें UPSC सिविल सेवा का नाम आता है। इसके लिए हर साल लाखों युवा तैयारी करते हैं। हालांकि, इस परीक्षा में सफलता सुनिश्चित नहीं होती है। ऐसे में कई युवा इस परीक्षा को कई प्रयास करने के बाद भी पास नहीं कर पाते हैं। वहीं, कुछ युवा होते हैं, जो इस इस परीक्षा को अपने पहले प्रयास में ही पास कर लेते हैं और कम उम्र में ही दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की बागडोर संभालते हैं। जानिए 22 साल की उम्र में UPSC क्रैक कर IAS बनीं स्वाति मीणा की कहानी। महज 22 साल की उम्र में यूपीएससी क्लियर कर आईएएस बनीं स्वाति मीना अपने बैच की सबसे कम उम्र की IAS अधिकारी थीं।

स्वाति का जन्म राजस्थान में हुआ था और उन्होंने अजमेर में शिक्षा प्राप्त की। जब वो आठवीं में थी तो उनकी माताजी की एक कजन अधिकारी बनी थीं। स्वाति के पिता से जब वो मिलने आईं तो उनके पिता काफी खुश दिखे। जिसके बाद उन्होंने अपने पापा से यूपीएससी के बारे में पूछा और अफसर बनने की ठान ली। जब स्वाती ने अधिकारी बनने का फैसला किया तो उनके पिता ने उनके फैसले का समर्थन किया। पिता स्वाति की लगातार मदद करते। तैयारी के इस दौर में स्वाती की मां पेट्रोल पंप चलाती थीं। मां के बिजी शेड्यूल के चलते पिता ने उनकी बेहतर तैयारी कराने के लिए कई डेमो इंटरव्यू लिए।

कड़ी मेहनत के बाद, स्वाति ने 2007 में आयोजित यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 260 हासिल की। वह उस बैच की सबसे कम उम्र की आईएएस थीं। आईएएस बनने के बाद स्वाति को मध्यप्रदेश कैडर मिला। जहां जिला कलक्टर के पद पर रहते हुए आईएएस स्वाति मीणा ने नर्मदा के रेत और खनन माफिया पर नकेल कसी। साथ ही स्वाति को अपने काम में सियासतदानों का हस्तक्षेप और निकम्मे ब्यूरोक्रेट्स पसंद नहीं है। इसी वजह से इन्हें दबंग आईएएस के तौर पर भी पहचाना जाता है।

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