IAS Success Story: 23 की उम्र में स्मिता बनीं आईएएस अधिकारी, रह चुकी हैं ऑल इंडिया बोर्ड टॉपर

IAS Smita Sabharwal Success Story: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करना कोई बच्चों का खेल नहीं है। इस परीक्षा को पास करने में बहुत से उम्मीदवारों की पूरी जवानी निकल जाती है। इसके बावजूद उनमें से कई लोग इस परीक्षा को पास नहीं कर पाते हैं। हालांकि, बहुत से उम्मीदवार ऐसे भी होते हैं, जो बहुत कम उम्र में ही इस परीक्षा को पास कर ऑफिसर का पद हासिल कर लेते हैं। आज हम ऐसी ही एक उम्मीदवार की बात करेंगे, जिन्होंने बहुत कम उम्र में ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली थी और ऑल इंडिया टॉपर्स की लिस्ट में अपनी जगह बना ली थी।
इन दिनों सोशल मीडिया पर कई आईएस ऑफिसर की सफलता की कहानी है। इन्हीं में से एक नाम है IAS स्मिता सभरवाल का। स्मिता सभरवाल ने महज 22-23 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास की और वे पिछले 20 साल से सिविल सेवक के रूप में काम कर रही हैं। स्मित का जन्म 19 जून 1977 को हुआ, उनका बचपन पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में बीता है। हालांकि पिता के फौज में ऑफिसर होने के कारण उन्हें देश के कई राज्यों में जाने का मौका मिला। कॉमर्स से ग्रेजुएट स्मिता ने महज 23 साल की उम्र में IAS परीक्षा पास कर ली थी और उन्हें ऑल इंडिया रैंकिंग में चौथा स्थान मिला था।
स्मिता सभरवाल कम उम्र में आईएएस ऑफिसर बनने के कारण इन दिनों खबरों में हैं। वो सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। इसलिए यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र उनकी सफलता की कहानी को पढ़ना चाहते हैं। स्मिता सभरवाल मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त होने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान में, वह सीए, गवर्नमेंट ऑफ तेलंगाना में सचिव के पद पर कार्यरत हैं। वह सचिव, ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग और मिशन भगीरथ के रूप में अतिरिक्त प्रभार भी संभालती हैं।
स्मिता तेलंगाना की पहली ऐसी महिला है जो मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात हुई। उन्होंने IPS डॉक्टर अकुन सबरवाल से शादी की है और उनके 2 बच्चे नानक और भुविश हैं। उन्होंने महिलाओं के उत्थान के लिए काफी काम किया है। ग्रामीण पृष्ठभूमि के लोगों का जीवन स्तर सुधारने के लिए कई जागरूकता अभियान चलाए हैं। एग्जाम की तैयारी के बारे में स्मिता बताती हैं कि वह रोजाना छह घंटे पढ़ाई करती थी और इसके साथ ही वह एक घंटे का समय स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए भी निकालती थीं।