UP PCS: कोर्ट में पेशी के वक्त पिता की हत्या, 8 साल बाद बेटी आयुषी बनी DSP, दूसरी कोशिश में हासिल की सफलता
UPPSC Success Story: करीब 8 साल पहले भरी कचहरी में गोलियों से भून कर एक पिता को मौत के घाट उतार दिया गया। उस पिता का सपना था कि उसके बच्चे पढ़ लिखकर अधिकारी बनें। बेटी ने पिता का सपना सच कर दिखाया। डिलारी के पूर्व ब्लाक प्रमुख योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा की बेटी आयुषी सिंह ने यूपीपीएससी में सफलता हासिल की है। आयुषी को 62वीं रैंक मिली और वह डीएसपी बनी हैं। उन्होंने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल कर अपने पिता का सपना पूरा किया। मुरादाबाद के डिलारी के पूर्व ब्लाक प्रमुख योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा के परिवार की पहचान को आयुषी ने बदल दिया है। योगेंद्र सिंह भूरा पर हत्या समेत कई मुकदमे दर्ज थे। लेकिन, अब इस परिवार की पहचान डीएसपी आयुषी सिंह की फैमिली से होगी।
भोजपुर के हिमायूपुर गांव निवासी पूर्व ब्लाक प्रमुख योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा का परिवार आशियाना कॉलोनी में रहता है। वर्तमान में भूरा की पत्नी पूनम सिंह बिलारी ब्लॉक की प्रमुख हैं। बड़ी बेटी आयुषी सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद पॉलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की है। इसके अलावा यूजीसी नेट उत्तीर्ण हैं। आयुषी सिंह ने दिल्ली में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी की। उन्होंने दूसरे प्रयास में ही यूपी पीसीएस के परिणाम में जगह बना ली। आयुषी सिंह ने डिप्टी एसपी की रैंक हासिल की है। बेटी की सफलता पर मां पूनम सिंह, भाई आदित्य सिंह और तहेरे भाई नवीन चौधरी ने खुशी जताते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। आयुषी का छोटा भाई आईआईटी दिल्ली से एमटेक कर रहा है।
बता दे, हिंदू कॉलेज के छात्र नेता रिंकू चौधरी की सिविल लाइंस क्षेत्र में चार मार्च 2013 को हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उस वक्त के डिलारी ब्लॉक प्रमुख भूरा को नामजद किया गया था। भूरा ने 20 जनवरी 2014 में कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। एक अन्य मामले में 24 फरवरी 2015 को भूरा की कोर्ट में पेश हुई थी। एसीजेएम दो कोर्ट के दरवाजे के सामने बेंच पर बैठे भूरा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आयुषी ने बताया कि उन्हें जो उपलब्धि हासिल हुई है, वो उनके पिता का सपना था। उन्होंने कहा कि पिता का शुरू से मन था कि वह अधिकारी बनें। अब उनका सपना पूरा कर दिया गया है।