ये है आजाद भारत की पहली महिला IAS, जिनको जॉइनिंग और निलंबित लेटर मिला था एक साथ

First Female IAS: भारत की सबसे कठिन परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग में हर साल लाखों अभ्यर्थी शामिल होते हैं, इसमें कई परीक्षार्थी अपनी मेहनत और लगन के बल पर परीक्षा को पास करते हैं। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी होती हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब सरकारी सेवाओं में आना महिलाओं के लिए इतना आसान नहीं था। सिविल सेवा परीक्षा पास वाले पहले भारतीय के बारे में तो पता ही होगा कि वे गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर के भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर थे। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत की पहली महिला आईएएस ऑफिसर कौन थीं ? आज हम उन्हीं के बारे में जानेंगे।
देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी का नाम अन्ना राजम मल्होत्रा है। अन्ना राजम मल्होत्रा 1951 में भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा में शामिल हुईं थीं और इस आईएएस की परीक्षा पास कर देश की पहली महिला अफसर बनीं। इनको जॉइनिंग और निलंबित लेटर दोनों के साथ मिले थे। IAS अन्ना राजम मल्होत्रा रिटायरमेंट के बाद भी कई बड़े पदों पर तैनात रही थीं। 17 जुलाई 1924 को केरल के एर्नाकुलम जिले के एक छोटे से गांव में जन्मी अन्ना राजम ने पूरी जिंदादिली से जीते हुए 91 साल की उम्र में 2018 में आखिरी सांस ली।
अन्ना राजम ने कड़ी मेहनत की और फर्स्ट अटेम्प्ट में ही सिविल सेवा परीक्षा पास करके 1951 में 27 साल की उम्र में आईएएस बन गईं। उन्हें मद्रास कैडर मिला था। 1951 में ज्वाइनिंग हुई तो उनको ज्वाइनिंग लेटर देते हुए कहा गया कि शादी हो जाने पर आपको निलंबित किया जा सकता है। इसे लेकर IAS अन्ना राजम परेशान नहीं हुई। वहीं, कुछ साल बाद जब नियम बदले तो उन्होंने अपने बैचमेट आरएन मल्होत्रा से विवाह कर लिया। IAS अन्ना राजम मल्होत्रा ने देश के दो बडे़ प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के साथ काम किया। इसके अलावा उन्होंने 7 मुख्यमंत्रियों के साथ भी काम किया। 1989 में IAS अन्ना राजम मल्होत्रा को उनके काम के लिए पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।