कौन हैं DIG स्वप्न शर्मा, जो लीड कर रहे ‘ऑपरेशन अमृतपाल’, तस्करों के लिए खौफ का है दूसरा नाम

Punjab DIG Swapan Sharma: हिमाचल प्रदेश को वीरों की भूमि कहा जाता है। भारतीय सेना और पुलिस में यहां से कई युवा अपना लोहा मनवा चुके हैं। इन्हीं जाबांजों में एक नाम है, आईपीएस अधिकारी डीआईजी स्वप्न शर्मा का। आईपीएस स्वप्न शर्मा ने वर्दी की असली ताकत दिखाते हुए पंजाब में शराब तस्करों और गैंगस्टरों के मन में यमदूत की छवि बनाई है। अब उनका सामना खालिस्तानी समर्थक और ‘पंजाब दे वारिस’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह से है। स्वप्न शर्मा दो महीने पहले ही पंजाब पुलिस में डीआईजी बनाया गया है। ऐसे में डीआईजी बनने के दो महीने बाद ही उन्हें अमृतपाल सिंह को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया है।
स्वपन शर्मा का जन्म 10 अक्टूबर, 1980 को कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी के ढोग गांव में हुआ है। स्वप्न शर्मा के पिता कर्नल महेश शर्मा भारतीय सेना से रिटायर हुए हैं, जबकि मां बीना शर्मा गृहिणी हैं। डीआईजी स्वप्न शर्मा 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले उन्होंने हिमाचल प्रशासनिक सेवा का एग्जाम क्लियर किया था और वह चौपाल में बीडीओ रहे हैं। लेकिन साल 2009 में उन्होंने यूपीएसी का एग्जाम पास किया और आईपीएस बने। राजपुरा, लुधियाना और दूसरे कई शहरों में तैनात रहे। दस महीने पंजाब के मुख्यमंत्री की सिक्योरिटी में भी तैनात रहे।
स्वप्न शर्मा फाजिल्का, बठिंडा, रोपड़, संगरूर, जालंधर और अमृतसर ग्रामीण में एसएसपी रहते हुए उन्होंने शराब तस्करों और गैंगस्टर के खिलाफ अभियान चलाए और अपनी सख्त कार्यशैली को लेकर चर्चा में रहे। जालंधर पुलिस के डीआईजी स्वपन शर्मा के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती खालिस्तानी अमृतपाल सिंह को पकड़ने की है। वो इसमें कामयाब भी होने वाले थे, लेकिन कुछ ऐसा हुई कि अमृतपाल उनके हाथों से निकल गया। उन्होंने बताया की वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। अमृतपाल सिंह के पिता को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जल्द ही वह भी पकड़ा जाएगा।