सोनिया गांधी के करीबी पूर्व IAS अधिकारी हर्ष मंदर के खिलाफ CBI जांच के आदेश, विदेशी चंदा से जुड़ा है मामला

पूर्व आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर का नाम एक फिर सुर्खियों में है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। हर्ष मंदर पर आरोप है कि विदेशों से जो चंदा लिया गया, उसमें एफसीआरए कानून का उल्लंघन हुआ है। हर्ष मंदर के एनजीओ अमन बिरादरी के खिलाफ जांच की सिफारिश गृह मंत्रालय ने की है। इससे पहले हर्ष मंदर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भी कार्रवाई की जा चुकी है। इस दौरान ईडी ने उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। ये मामला 2021 का है। वहीं बात करें अभी के मामले की तो जो भी एनजीओ विदेशी फंड लेते हैं, उनके लिए एफसीआरएस कानून के तहत रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है।
अब इसी मामले में अमन बिरादरी पर एफसीआरएस कानून का उल्लंघन करने का आरोप है। बताया जा रहा है कि एनजीओ के पास इस कानून के तहत क्लियरेंस नहीं था इसके बावजूद विदेशी फंड का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद गृह मंत्रालय ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है। मंदर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी रहे हैं। यूपीए सरकार के दौरान वे सलाहकार परिषद के सदस्य के तौर पर लंबे समय तक काम कर चुके हैं। मालूम हो कि मंदर दो चिल्ड्रेन होम चलाते हैं- उम्मीद अमन घर और खुशी रेनबो होम… इन दोनों ही चिल्ड्रन होम के फंड्स को लेकर विवाद है और आरोप ये भी लगा है कि यहां पर रह रहे बच्चों का इस्तेमाल 2020 में हुए CAA प्रदर्शन के दौरान किया गया था।
नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ने दावा किया है कि मंदर अपने चिल्ड्रेन होम से बच्चों को अलग-अलग विरोध प्रदर्शन में ले जाते हैं। वहीं दिल्ली पुलिस ने हर्ष मंदर और उनके NGO के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की थी। पुलिस ने जांच में खुलासा किया कि मंदर अपने चिल्ड्रेन होम के फंड्स को लेकर कुछ भी साफ तौर पर नहीं बता पाए हैं। आईएएस मंदर मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ में 20 साल सेवाएं दे चुके हैं। 2002 में गुजरात दंगों के बाद मंदर ने सिविल सर्विस से इस्तीफा दे दिया था। वह सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर काम करने लगे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में वह राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (NSC) के सदस्य रहे। इसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी थीं।