महाराष्ट्र: आईएएस अधिकारी के तबादले को लेकर विवादों में गिरे गडकरी, सीएम को लिखे पत्र पर दी सफाई
मुंबई: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक महिला आईएएस अधिकारी के तबादले की मांग वाला पत्र विवाद बन गया है। आरोप आ रहे हैं कि उन्होंने यह पत्र केवल उस समुदाय के लाभ के लिए लिखा था जहां उनकी पत्नी सलाहकार हैं। 9 मार्च को, गडकरी ने सीएम शिंदे और मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव को पत्र लिखकर महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा सचिव अश्विनी जोशी के तबादले की मांग की। जिन्होंने कॉलेज ऑफ फिजिशियन और सर्जन-संबद्ध (सीपीएस) द्वारा पेश किए गए पाठ्यक्रमों से जुड़ी लगभग 1100 सीटों पर प्रवेश को रोकने के लिए कहा था।
हालांकि, नितिन गडकरी की पत्नी कंचन गडकरी की सीपीएस से संबद्ध संगठनों के सलाहकार के रूप में उपस्थिति अब विवादास्पद है। यही वजह है कि आरोप हैं कि वह व्यक्तिगत रूप से महिला आईएएस का तबादला करना चाहते हैं। गडकरी ने पूरे मामले में कहा है कि यह सही है कि उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम और मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव को खत लिखा। लेकिन, इसमें सिर्फ सीपीएस पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया जल्द शुरू करने का अनुरोध किया। अश्विनी जोशी के तबादले की मांग कतई नहीं की गई। जिन खबरों में यह बात कही गई है वे सरासर गलत हैं। उनका सच से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने इन खबरों को निराधार बताते हुए खंडन किया।
गडकरी ने हैरानी जताई कि कुछ मीडियाकर्मियों ने उनकी पत्नी का नाम इस मामले में घसीटा है। वे यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि अधिकारियों को उनकी ओर से भेजे गए पत्र के पीछे कोई निजी स्वार्थ है। उन्होंने इसका भी पुरजोर खंडन किया है। गडकरी ने स्वीकार किया कि उनकी पत्नी कांचन एसोसिएशन ऑफ सीपीएस एफिलिएटेड इंस्टीट्यूट्स की सलाहकार हैं। वह समाज सेवा की ऐसी कई गतिविधियों में शामिल हैं। एक समाजसेवी के तौर पर उनकी स्वतंत्र पहचान है। कुछ मीडियाकर्मियों ने अपनी निराधार रिपोर्टों के माध्यम से उनकी समाजसेवा पर सवाल उठाया है।