वो IAS जिसने योगी को जेल भेजा और रुलाया, योगी ने उसे दिया ईनाम
तमाम शहर का किस्सा बना दिया मुझको, मैं क्या था और ये कैसा बना दिया मुझको… कहां ये उम्र शराफत से कटा करती है, तुने बेकार में अच्छा बना दिया मुझको… ये शायरी एक आईएएस की जिंदगी का हिस्सा है

तमाम शहर का किस्सा बना दिया मुझको, मैं क्या था और ये कैसा बना दिया मुझको… कहां ये उम्र शराफत से कटा करती है, तुने बेकार में अच्छा बना दिया मुझको… ये शायरी एक आईएएस की जिंदगी का हिस्सा है… उसके कड़वे तजुर्बे से जन्मा है… जो तब लिखा था… जब अपने किए काम की वजह से उन्हें तोहमत का जरिया बनाया गया था… जब वो सिस्टम का निशाना खुद बन गए थे… इस अफसर ने कभी सीएम योगी को जेल भेजा था… और योगी आदित्यनाथ ने जब यूपी की सत्ता की कमान संभाली… तो पांच साल के वनवास पर ये अफसर चला गया… गुमनामी की जिंदगी जीने के लिए मजबूर हो गए… लेकिन अब उनकी किस्मत पर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना विश्वास दिखाया है… उन्हें वो दिया है… जिसकी उम्मीद इस आईएएस अफसर ने शायद ही की होगी…लेकिन कहते हैं… किस्मत कब पलट जाए ये किसी को नहीं पता
संसद में रोते हुए तत्तकालीन सांसद योगी आदित्यनाथ का वीडियो सोशल मीडिया मिल जाएंगे… लेकिन ये आंसू जिस वजह से भरे सदन में छलका… उसे देने वाले ये वही आईएएस अधिकारी हरिओम हैं… जिन्होंने सीएम योगी को 2007 में जेल में डाला था… यूपी में जब योगी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार बनी थी इसे कुछ दिनों बाद ही प्रशासनिक अधिकारियों को तबादले किए गए थे… इनमें एक अधिकारी डॉक्टर हरिओम भी थे… हालांकि उस वक्त इसे रुटीन ट्रांसफर ही कहा गया था… हरिओम ने ही 15 साल पहले मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ को जेल भेजा था… उस वक्त योगी गोरखपुर से सांसद थे…घटना 26 जनवरी 2007 की है, जब गोरखपुर में सांप्रादियक तनाव फैला हुआ और तत्कालीन सदर सांसद योगी ने गोरखपुर में धरने का ऐलान कर दिया था…पूरे शहर में कर्फ्यू लगे होने की वजह से तत्कालीन डीएम हरिओम ने उन्हें गोरखपुर में घुसने से पहले ही रोक दिया था, लेकिन आदित्यनाथ अपनी जिद पर अड़ गए… जिसके बाद प्रशासन ने आखिरकार उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला किया… जिसके बाद गोरखपुर की जिला जेल में तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ 11 दिन तक बंद रहे… जेल से रिहा होने के बाद जब योगी आदित्यनाथ पहली बार संसद पहुंचे तो वो अपनी गिरफ्तारी की बात बताते-बताते फफक कर रो पड़े…योगी का संसद में दिया गया ये भाषण काफी चर्चा में रहा… इसी भाषण में योगी ने सवाल उठाया था कि कैसे किसी सांसद को 11 दिन तक जेल में रखा जा सकता है जबकि कानूनन किसी सांसद को 24 घंटे से ज्यादा नॉन क्रिमिनल ऑफेंस में जेल में नहीं रखा जा सकता… हालांकि गिरफ्तारी के 24 घंटे के बाद ही डॉक्टर हरिओम को सरकार ने सस्पेंड कर दिया और उनकी जगह चार्ज संभालने के लिए उस समय सीतापुर के डीएम राकेश गोयल को रातों-रात हेलिकॉप्टर से गोरखपुर भेजा गया… इससे भी दिलचस्प ये है कि IAS हरिओम को सस्पेंशन के एक हफ्ते के भीतर ही वापस बहाल कर दिया गया… कहा जाता है कि इसके बाद हरिओम की नजदीकी अखिलेश और मुलायम यादव से हो गई
और जब 2017 में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में यूपी में बीजेपी की सरकार बनी तो उन्हें वेटिंग लिस्ट डाल दिया गया है… योगी सरकार बनने के बाद करीब पांच साल तक गुमनाम रहे… हालांकि इन पांच सालों में सोशल मीडिया पर गायकी से जुड़े वीडियो आते रहे… हरिओम ख्वाहिश सिंगर बनने की रही है… वो अपने इसी सिंगिंग टाइलेंट को सोशल मीडिया के मंच पर दिखाते भी रहे… दिन महिने सालों में तब्दील हुए तो हरिओम फिर चर्चा शुरू हुई… चर्चा सिंगिंग के कारण नहीं बल्कि सीएम योगी एक किताब भेंट करने थी… लगने लगा ऐसा अब सीएम योगी और IAS हरिओम के बीच सबकुछ ठीक है… सबकुछ ठीक है इसका प्रमाण भी मिल गया सीएम योगी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले साल में ही आईएएस हरिओम अपना बड़ा विश्वास जताया… डिपाटर्मेंटल सेंटिंग में पड़े हरिओम को फिर से प्रशासनिक लेवल की मुख्यधारा में लेकर आए हैं.